जन्म दिन
आज हमारा जन्म दिन।
किन्तु हम सद्ज्ञान बिन ।। टेक ॥।
खुशी में फूले हैं ,
स्वयं को भूले हैं।
श्री गुरु समझाते हैं,
मुक्तिमार्ग बताते हैं ।। 1 ।।
धर्म और धर्मी को,
सम्यक् प्रकार समझें हम ।
साधना कर आत्मा की,
जन्म सफल कर लें हम ।। 2।।
पुस्तक का नाम:" प्रेरणा " ( पुस्तक में कुल पाठों की संख्या =२४)
पाठ क्रमांक: १६
रचयिता: बाल ब्र. श्री रवीन्द्र जी 'आत्मन् ’