हाँ, होली जलाने में अनंत जीवों की हिंसा होती है। होली देखने मे, इसे जलाने में सहयोग करने आदि कार्यों में भी पाप बंध होता है ।इसलिए होली नही मनानी चाहिए। रंग आदि लगाने का भी जैनधर्म में कोई प्रावधान नहीं है। होली की कथा यहाँ पढ़ सकते हैं: