देशना लब्धि का प्रयोजन

जिनका 4 था गुणस्थान नही हो अर्थात मिथ्यादृष्टि हो क्या उनकी देशना हमारे सम्यक्त्व में निमित हो सकति है?
अगर हम मान ले कि सम्यकदृष्टि की ही देशना सम्यक्त्व में निमित्त बन सकती है तो क्या आपत्ति आ सकती है?
यह विषय की सपष्टता के लिए ग्रंथ आधार प्रस्तुत करे।

सम्यक्त्व होने में कारण हो सकते है कोई विरोध नहीं