लघु बोध कथाएं - ब्र. श्री रवीन्द्र जी 'आत्मन्' | Laghu Bodh Kathayen

युक्ति एवं धैर्य

एक था चंदन नाम का सीधा-सादा गरीब किसान कठिनाई से कुछ धन जोड़ कर मेले में से एक गाय और एक बाल्टी लेकर लौट रहा था। रास्ते में अँधेरा हो गया, वहीं राहगीरों को लूट लेने वाला डाकू मिल गया। उसने तेज आवाज देकर रोका और गाय एवं शेष रूपये छीन लिए। साथ के अन्य लोगों को भी उसने लूट लिया और जंगल की ओर जाने लगा।
दुःखी किसान ने कुछ सोचा और भगवान का नाम ले उसने पीछे से जाकर बाल्टी उसके सिर में फँसा दी और शीघ्रता से उसके हाथ रस्सी से बाँध दिए। तब तक अन्य लोग भी आ गये।
इसप्रकार राहगीरों एवं ग्रामीणों को लूटमार से राहत मिली।

विपत्ति में रोना उपाय नहीं है। धैर्य ,साहस एवं युक्तिपूर्वक परिस्थिति का सामना करना चाहिए।

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