२) किसी चीटीं को दुख देना और उसी चीटीं का उपस्थित होना जिसके असाता का उदय / उदीरणा / अकाल मरण होना हो । चौराहे पर जिस तरफ गाड़ी मोड़े, उसी तरफ के जीवो का घात होना होता है।
कर्मचारी की असावधानी से भोपाल गैस कांड का होना और सैकड़ों लोगों के असाता का उदय, भविष्य में पैदा होने वालों के नामकर्म से अंगों का खराब होना।
मोक्ष जाते जाते परिणामों में बदलाव की वजह से स्वर्ग चले जाना और उसकी जगह दूसरे को मोक्ष हो जाना (608 की पूर्ति हेतु) ।
बच्चे का चेहरा उसके ही नाम कर्म से निर्मित होता है लेकिन वह उसके माता-पिता और भाई से भी मेल खाता है। क्या genes और अंगोपांग नामकर्म में भी रिलेशन है ?
इस वस्तु को समझने के लिए
यही सभी कार्यो को हम उल्टा देखना शुरू करे तो निमित (कोई व्यक्ति या वस्तु) प्रत्ये दोष नही आएगा।
जैसे सेकड़ो लोगो की मृत्यू होनी ही वाली थी गैसकांड या कर्मचारी की असावधानी या कोई राजनैतिक कारण वे सब तो निमित्त मात्र बने है।ऐसी होनहार थी वे सब तो मात्र निमित्त बने है।
कर्मो की तरफ से बात करे तो उन सभी लोगो ने समूह में एक साथ पाप किया होगा।इसी लिए नामकर्म आदि असाता का उदय एक साथ मे सकभी को आया।
जैसे सगर चक्रवती के 60000 पुत्रों ने पूर्व भव में मुनिराज की हसी उड़ाई थी उसका फल उनको भवो भाव तक भोगना पड़ा था।
नकुल और सहदेव का मोक्ष उस भव से नही होने वाला था इसी लिए उनको मे विकल्प आ गया।
कई बार माता पिता गोरे होते है बच्चा एकदम काला ऐसे कई सारे लोग है जिनका रूप माता पिता से एकदम अलग होता है।
आज दुनिया जो सबसे लंबा आदमी है उसके माता पिता भी इतने लंबे नही है।इस कई लोगो पर लागू पड़ता है।