आया कहाँ से, कहाँ है जाना | Aaya kahan se, kahan hai jana

आया कहाँ से…

आया कहाँ से, कहाँ है जाना,
ढूंढ ले ठिकाना चेतन ढूंढ ले ठिकाना ।

इक दिन चेतन गोरा तन यह, मिट्टी में मिल जाएगा ।
कुटुम्ब कबीला पडा रहेगा, कोई बचा ना पायेगा ।
नहीं चलेगा कोई बहाना…॥ ढूंढ ले ठिकाना…।१।

बाहर सुख को खोज रहा है, बनता क्यों दीवाना रे ।
आतम ही सुख खान है प्यारे, इसको भूल ना जाना रे।
सारे सुखों का ये है खजाना…॥ ढूंढ ले ठिकाना… ।२।

जब तक तन में सांस रहेगी, सब तुझको अपनायेंगे ।
जब न रहेंगे प्राण जो तन में, सब तुझसे घबरायेंगे ।
तुझको पडेगा प्यारे है जाना…॥ ढूंढ ले ठिकाना…।३।

दौलत के दीवानों सुन लो, इक दिन ऐसा आयेगा ।
धन दौलत और रूप खजाना, पडा यहीं रह जायेगा ।
कन्धा लगायेगा सारा जमाना…॥ ढूंढ ले ठिकाना…।४।

गुरुचरणों के ध्यान से चेतन, भवसागर तिर जायेगा ।
सम्यग्दर्शन ज्ञान से प्यारे, दुख तेरा मिट जायेगा ।
सारे सुखों का है ये खजाना…॥ ढूंढ ले ठिकाना…।५।

Singer: At. @Pranjal

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